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भारत की महिला पायलट सरला ठकराल

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दुनिया भर में कितने ही लोग प्लेन उड़ाने की सपना देखते हैं हालांकि कुछ लोग ही प्लेन उड़ाते हैं उन चुनिंदा लोगों में से ही एक थीं सरला ठकराल. जिस समय भारत में महिलाओं की जिंदगी बहुत सी बंदिशों से घिरी हुई थी उस समय वह भारत की पहली महिला पायलट बनी थीं. दुनिया की सभी बंदिशों को पीछे छोड़ते हुए सरला ठकराल ने अपने इस सपने को पूरा किया था. तो चलिए आज जानते हैं, सरला ठकराल के इस दिलचस्प सफर के बारे में– आसमानों में उड़ने की थी ख्वाहिश- साल 1914 में दिल्ली के ठकराल परिवार एक नन्ही बच्ची ने जन्म लिया. बच्ची का नाम रखा गया सरला. अपने परिवार में हँसते-खेलते हुए सरला कब बड़ी हो गईं किसी को पता ही नहीं चला. वह समय आज से काफी अलग था. उस समय महिलाओं के सामने बहुत ज्यादा विकल्प नहीं होते थे. इसलिए अधिकतर महिलाओं की छोटी उम्र में ही शादी करवा दी जाती थी. कुछ ऐसा ही सरला ठकराल के साथ भी हुआ. वह जैसे ही 16 साल की हुई उनकी शादी करवा दी गई. जहां शादी के बाद अधिकतर महिलाओं की जिंदगी परिवार को संभालने में ही निकल जाती थी. वहीं दूसरी ओर सरला को एक बहुत ही मॉडर्न सोच वाला परिवार मिला था. उनके पति के परिवार में अध...

सुप्रसिद्ध कम्युनिस्ट और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तथा महिला आंदोलन के संगठनकर्ताओं में एक विमला डांग

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सुप्रसिद्ध कम्युनिस्ट और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तथा महिला आंदोलन के संगठनकर्ताओं में एक विमला डांग का जन्म 26 दिसंबर 1926 को लाहौर में हुआ था। वे उन बहुत-ही थोडे़ कम्युनिस्टों में थीं जिन्हें भारत सरकार से ‘पद्मश्री’ 1992 पाने का सम्मान मिला था। विमला के पिता का नाम औतार लाल बकाया था जो बी.बी.सी. रेडियो में ब्रॉडकास्टर थे। वे लंदन में रहा करते थे और उदार राष्ट्रवादी विचारों के थे। विमला की मां कमला और उनकी छोटी बहन 1931 में रोम गईं। जहां उन्होंने मैडम मारिया मांटेसरी की देखरेख में मांटेसरी डिप्लोमा कोर्स किया। कमला उन प्रथम चार भारतीय महिलाओं में थीं जो मांटेसरी टीचर बनीं। वापस लौटकर कमला ने लाहौर में सर गंगाराम गर्ल्स हाईस्कूल में नौकरी कर ली। आगे उन्होंने ही समूचा परिवार संभाला, खासकर विमला के पिता की लदंन में 1943 में मत्यु के बाद। आरंभिक पढ़ाई लाहौर का सर गंगाराम गर्ल्स हाई स्कूल शानदार संस्था थी। उसकी देखरेख सरोजिनी नायडू की छोटी बहन मृणालिनी चट्टोपाध्याय करती थीं। वहां न सिर्फ उच्च कोटि की पढ़ाई होती थी बल्कि देशभक्ति की भावना भी विद्यार्थियों में भरी जाती थी। विमला पढ़ाई में बहुत...