सुना है कामिया निकालना........…..................
सुना है कमिया निकालना सिख गई हो हमारा
जरा साथ खड़े मिल के पत्थरों को तो देख लेती
भले तुम्हें देख चेहरा पर मुस्कुराहट आती होगी
पर इनका साथ जिन्दगी सवार देती है
©️ कुमार विपिन मौर्य
अरे आप का बहुत बहुत स्वागत है मरदे, सुनिए न महराज, अब आ ही गए हैं तब एक दूठे कहानियां पढ़ ही लीजिए अउर अ फोलो वाला ललका बटनवा टिप दीजिए न थोडा। अरे ऊ का है न ई जो आप के चेहरा के उदाशी हैं ना मरदे ऊ हमसे देखा नही जाता ईहे खातिर हम लेके आए हैं न ई अपना बलगवा ताकि तू मरदे बिंदास होके मुस्कुरा ज़वन भयल ह ओके छोड़ा खा पिया डाट के मुस्कुरा चाप के। कुमार विपिन मौर्य
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