"दुनिया की सारी खुशियां लेकर वो मुझे तोलने आया था तुम क्या सोच रहे हो रंजीत वो मुझे दरवाजे तक सिर्फ़ छोड़ने आया था" (फोटो:- रंजीत) मुझे आसा नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि आप लोग अपने दोस्तों के साथ बहुत खुश होंगे वह आपके दुख के साथी तो सुखों के हिस्सेदार होंगे इंटर कॉलेज से दोस्त नहीं थे तो जिंदगी किसी भी तरह धीरे-धीरे कट रही थी शायद उस वक्त मुझे दोस्तों की अहमियत समझ में नहीं आ रही थी कहते हैं ना कि सब्र का फल मीठा होता है और जो जितना सब्र करता है उतना मीठा फल पाता है तो यह मेरा सब्र है कि मुझे पारस पत्थर जैसा दोस्त मिला ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा अपने पारस को लेकर लेकिन हां कुछ दिनों के बाद मैं अपने पारस पत्थर के साथ मिलकर यूट्यूब चैनल खोल रहा हूं जिस पर आप लोगों को कहानियां, दासता, शायरी, न्यूज़ एवं भारतीय संस्कृति के पुरानी से पुरानी कहावत सुनने को मिलेंगी। रंजीत के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगा यदि आज ही रंजीत के बारे में सब कुछ बता दूंगा तो मेरी किताब अधूरी रह जाएगी मेरे पन्ने खाली रह जाएंगे मेरे ख्वाब अधूरे रह जाएंगे मेरी जिंदगी अधूरी रह जाएगी, आगा...