बाबा साहब,जिन्होने 130 करोड़ आबादी वाले भारत को कठोर एवं लिखित संविधान दिया
बाबा साहब, जी हां वही बाबा साहब अम्बेडकर जिन्होने 130 करोड़ आबादी वाले भारत को कठोर एवं लिखित संविधान दिया जी हां वही बाबा साहब जिसकी प्रतिमा लंदन में कार्ल मार्क्स के साथ लगी हुई है, जी हां वही बाबा साहब जिसे विश्व के कई यूनिवर्सिटी ओं में पढ़ाया जाता है, जी हां वहीं बाबा साहब जिन्होंने आपको जीने की आजादी दिलाई आपको पढ़ने की आजादी दिलाई, जी हां वही बाबा साहब जिनके बदौलत आज आप सर पर बैठे हुए हैं, जी हां उसी बाबा साहब भीमराव अंबेडकर की बात कर रहा हूं जो भारत के पहले कानून मंत्री थे जिन्होंने राजनीति लोगों को अधिकार दिलाने के लिए चुना है, जी हां उसी बाबा साहब की बात कर रहा हूं जिनके ऊपर सबसे ज्यादा गाने और सबसे ज्यादा किताबें लिखी गई वही बाबा साहब जिन्हें विदेशों में हुक्म का इक्का माना जाता है और हर एक छोटे बड़े शिक्षण संस्थानों में पढ़ना अनिवार्य होता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है हम किस तरफ बढ़ रहे हैं वह बाबा साहब जिन्होंने अपना सब कुछ हमें हमारा अधिकार दिलाने के लिए कुर्बान कर दिया
वह बाबा साहब जिनके पिता ईस्ट इंडिया कंपनी में काम किया करते थे और उनका बेटा भारत का सबसे बड़ा शिक्षित व्यक्ति बना जिस पर विश्व भर के लेखकों ने कुछ न कुछ लिखा एवं दुनिया के कई यूनिवर्सिटी में उनकी प्रतिमा अपने यूनिवर्सिटी परिषद में लगाया वहीं बाबा साहब जिन्हें हम 364 दिन आते हैं और उनकी 1 दिन पूजा करते हैं वहीं बाबा साहब जिनके कठोर संविधान के अनुसार पूरा देश चलता है वहीं बाबा साहब जिन्होंने जातिवाद का खुलकर विरोध किया था वहीं बाबा साहब जिन्होंने बग्गी खींचकर अपने घर का रास्ता तय किया था वही बाबा साहब जिन्हें बग्गी से उतार दिया गया था उन्हीं की देन है क्या जब हेलीकॉप्टर और राफेल जैसे बड़े-बड़े जहाजों में चल रहे हैं वहीं बाबा साहब की देन है कि हम भारत के साथ-साथ अन्य देशों में जाकर भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं
बाबा साहब को लिखने के लिए बाबा साहब को पढ़ना पड़ता है और बाबा साहब को पढ़ने वाला व्यक्ति बाबा साहब की सोच का हो जाता है कहते हैं कि राजनीति में कोई सगा नहीं होता लेकिन राजनीति सबको सगा बना देती है क्युकी बात वोट की होती है बात दलित की होती है
आज बाबा साहब की प्रतिमा देखी तो कुछ वक्त ऐसा लगा जैसे हाथ में वह मोटा सा किताब आज भी यह कह रहा हो कि यह जाति धर्म मजहब है दूसरा कुछ नहीं है जो है वह शिक्षा तुम शिक्षा को ग्रहण करो बाकी खुद अपने आप मिल जाएगा यदि तुम शिक्षा ग्रहण करते हो तो रोटी कपड़ा और मकान तानाशाह उसे छीन सकते हो
आंबेडकर कहते थे कि रात रातभर मैं इसलिये जागता हूँ क्योंकि मेरा समाज सो रहा है। उनमें समाज को लेकर बड़ी पीड़ा थी। वो कहा करते थे, "इस दुनिया में महान प्रयासों से प्राप्त की गई चीज को छोडकर दूसरा कुछ भी बहुमूल्य नहीं है।"
मैंने बाबा साहब को उतना नहीं पड़ा है जितना बाबा साहब को पढ़ना चाहिए जितना बाबा साहब को जाना चाहिए जितना बाबा साहब के सिद्धांतों पर चलना चाहिए लेकिन मैंने जो भी पड़ा है उस से सीखा है यह जाति धर्म सब कुछ अच्छा है शिक्षा चिकित्सा यह सब आने वाले भविष्य में काम देगी इनसे एक मजबूत एवं सशक्त देश का निर्माण होगा।
शिक्षित रहे संगठित रहो संघर्ष करें
© कुमार विपीन मौर्य
(AiSF के साथियों को समर्पित जिन्होने संविधान की लड़ाई लड़नी सिखाई तथा Unitech institute of engineering technology के HOD श्री अरविन्द राव सर को समर्पित जिन्होने हर वक्त हौसले को बुलन्द किया)
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