अफगानिस्तान में तालिबान के उदय का भारत पर प्रभाव .

अफगानिस्तान में तालिबान के उदय का भारत पर प्रभाव ✍


1. जम्मू-कश्मीर से तालिबान की नजदीकी

• अफगानिस्तान के अधिग्रहण के साथ, तालिबान अब भारत के जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में नियंत्रण रेखा से केवल 400 किमी दूर है.
• जम्मू और कश्मीर से तालिबान की निकटता उन्हें भारतीय क्षेत्र में और अधिक आतंकवादी गतिविधियां करने की स्थिति सुलभ कर देती है.
• तालिबान ने अफगानिस्तान के बदख्शां प्रांत पर कब्जा कर लिया है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की सीमा पर है.
2. आतंकवाद में वृद्धि

• संयुक्त राष्ट्र की हाल ही की रिपोर्टों में यह कहा गया है कि, जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकवादी समूह तालिबान के साथ काम कर रहे हैं
• तालिबान के पुनरुत्थान का मतलब अब, अफगानिस्तान में इन उग्रवादी समूहों के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं और ठिकानों का विस्तार भी हो सकता है.

3. तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन

• रिपोर्टों के अनुसार, तालिबान को पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त है और यह भारत के लिए बिलकूल भी अनुकूल नहीं होगा.
• तालिबान ने ऐसे सभी जिलों पर भी नियंत्रण कर लिया है जो ताजिमकिस्तान, ईरान, तुर्कमेनिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान सहित अन्य देशों की सीमा से लगे हैं.
4. चीन की चुनौती

• चीन ने कथित तौर पर यह कहा है कि, वह अफगानिस्तान के तालिबान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध विकसित करने को तैयार है, और यह भी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है.
• चीन भी कथित तौर पर अफगानिस्तान में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है और तालिबान अपनी मजबूत स्थिति को बनाए रखना चाहेगा, जिसके लिए उसे चीनियों के सहयोग की आवश्यकता होगी।
5. क्या अफगानिस्तान में भारत का निवेश व्यर्थ हो जायेगा?

• भारत ने 9/11 के बाद से अफगानिस्तान में 02 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है. अफगानिस्तान में भारत द्वारा किए गए कुछ प्रमुख निवेशों में नया संसद भवन, पश्चिमी अफगानिस्तान में सलमा बांध और डेलाराम-जरंज राजमार्ग शामिल हैं.
• यहां तक कि ईरान के चाबहार बंदरगाह में किया गया निवेश भी अब, तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर अधिकार करने से बेकार साबित हो सकता है.
• चाबहार बंदरगाह भारत को कुछ हद तक लाभ भी दे सकता है, क्योंकि तालिबान पूरी तरह से पाकिस्तान पर निर्भर नहीं रहना चाहेगा.

✍️✍️ कुमार विपिन मौर्य

टिप्पणियाँ

Sufiyan Khan ने कहा…
कुछ जगहों पर अभी और स्पष्टीकरण की जरूरत थी, लेकिन काफी हद तक बेहतरीन प्रयास।
जारी रखें।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

बाबा साहब,जिन्होने 130 करोड़ आबादी वाले भारत को कठोर एवं लिखित संविधान दिया

देश में महिला शिक्षा की क्रांति फैलाने वाली प्रथम महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले