जो टूट कर जमी पर बिखर गए......

जो टूट जमीं पर बिखर गये
उन पत्तों से क्या वफ़ा करें
जो सुनने को तैयार नहीं
उन लोगों से क्या कहा करें
जो फेर के नज़रे बैठ गये
अब उनसे हम क्या दुआ करें
जैसा भी है सब ठीक ही है
क्यों हम ग़फ़लत में जिया करें

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