जब बूंद बगावत करती है............????????
जब बूँद बग़ावत करती है
दरिया की ख़िलाफ़त करती है
तो बैठ हवा उड़ जाती है
वो बादल से जुड़ जाती है
तुम भी चुप न बहना सीखो
ना नियति को सहना सीखो
यलगार करो जग मेरा है
हुँकार भरो सब मेरा है
कुछ स्वप्न नहीं सब ईक्षा है
जो भाग्य मिले वह भिक्षा है
तुम भी क्यों भिक्षुक बनते हो
क्यों पौरुष की ना सुनते हो
हो मानुज भान जरा कर लो
तुम खुद का ज्ञान जरा कर लो
और उठो करों को खोलो तो
आदेश जगत से बोलो तो
हर मार्ग स्वतः खुल जायेगा
और भाग्य दौड़ता आयेगा
#kumarvipinmaury
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