अरसे से तड़प रहा हूँ मौत को न जाने क्यों ज़िन्दगी मेहरबान है
अरसे से तड़प रहा हूँ मौत को
न जाने क्यों ज़िन्दगी मेहरबान है
अब इससे रिहा होना चाहता हूँ
मर कर भी क्यों मुझमें जान है
और कितना मैं कुरेदूँ ज़ख्मों को
और बाकी कितना इम्तेहान है
#kumarvipinmaury
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