देश के युवाओं को कंप्यूटर से जोड़ने वाले "राजीव गांधी"

कई दिनों बाद स्व.राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर #इति_श्री_इतिहास 

तारीख़ 12 मई 1991।तमिलनाडु के थिरवलूर में वीपी सिंह की रैली हो रही थी।लोकसभा के चुनाव सिर पर थे। रैली में पर्याप्त भीड़ के बीच एक अनजाना व्यक्ति पत्रकार के भेष में बैठा था। उसके साथ एक महिला भी आई थी। वो व्यक्ति आगे की सीट पर चश्मा लगाए बैठा था। उसकी एक आँख नहीं थी। नाम था शिवरासन।
One eye Jack। बम बनाते वक्त पहले कभी उसकी एक आँख चली गई थी। ये था लिट्टे प्रमुख प्रभाकरन के प्लान को एग्जीक्यूट करने वाला मास्टर माइंड। वीपी सिंह की रैली में उस दिन मानवबम धनु भी आई थी। जानते हैं क्यों ? 
ये एक तरह की मॉकड्रिल थी। धनु ने यहाँ D घेरे को पार कर वीपी सिंह के पैर छुए, बस धमाका नहीं किया।हाईसिक्योरिटी घेरे में कैसे घुसा जाता है,पूर्व प्रधानमंत्री की सुरक्षा को कैसे भेदा जाता है। यहाँ उसकी प्रैक्टिस की गई।बक़ायदा फ़ुल प्रूफ़ प्लान के साथ।ये सबकुछ कल्पना से परे था।फिर आती है तारीख 21 मई 1991।‘ऑपरेशन वेडिंग’ के अंजाम का दिन।निशाने पर राजीव गांधी थे।श्रीपेरंबदूर में रैली शुरू हो गई थी। 
राजीव गांधी जिंदाबाद के नारों के बीच दो अनजानी महिलाएं।एक मानव बम धनु और दूसरी उसकी बैकअप शुभा।प्लान था कि अगर धनु नाकाम होती है तो शुभा इस काम को अंजाम देगी एक तीसरी महिला भी थी।अथिराई उर्फ़ सोनिया जो दिल्ली के मोतीबाग इलाके में थे। जो प्लान का तीसरा हिस्सा था। अगर धनु और शुभा दोनों नाकाम होती तो दिल्ली में अथिराई राजीव गांधी पर हमला करती। 
चौतरफ़ा घेराबंदी की गई थी, जिससे सुरक्षा एजेंसियाँ बिलकुल अनजान थी। मगर रैलीस्थल पर डी घेरे की सुरक्षा में तैनात दारोगा अनसुइया को VVIP पास लिए धनु का हाव भाव और परिधान देख शक हुआ। वो मानवबम धनु को पीछे धकेल देती हैं। थोड़ी देर बाद राजीव गांधी की एंट्री हुई। धनु ने फिर घेरे में घुसने की कोशिश की।अनसुनइया ने धनु का हाथ पकड़ फिर रोक लिया। तभी उधर से स्वभाव स्वरूप राजीव गांधी की आवाज आती है। कहा- सभी को आने दीजिए, मत रोकिए। धनु आगे बढ़ी। राजीव गांधी को चंदन की माला पहनाई, उनके पैर छूने के लिए झुकी। जैसे ही राजीव उसे झुककर ऊपर उठाने लगे तभी धनु ने ब्लास्ट कर दिया।जोर की आवाज के बाद चीख-पुकार और अंतहीन सन्नाटा हिंदुस्तान को आधुनिक कंप्यूटर का ख़्वाब देने वाली आँखें सदा के लिए बंद हो गई। जूते के ब्रांड से बमुश्किल शरीर की पहचान हो पाई। 
शिकार होने वाले वो इकलौते नहीं थे।उनके अलावा धरमन,पुलिस कॉन्स्टेबल
सांथनी बेगम,महिला कांग्रेस नेता
राजगुरु,पुलिस इंस्पेक्टर
चंद्रा,पुलिस कॉन्स्टेबल
एडवर्ड जोसफ, पुलिस इंस्पेक्टर
मोहम्मद इकबाल, पुलिस सुप्रीटेंडेंट
लता कनन, महिला कांग्रेस नेता
कोकिलावानी, लता कनन की बेटी
डायरिल पीटर्स- ऑब्जर्वर
मुन्नूस्वामी, पूर्व विधायक
सरोजा देवी, कॉलेज स्टूडेंट
प्रदीप गुप्ता, पीएसओ, राजीव गांधी
इथिराजू
मुरुगन, पुलिस कॉन्स्टेबल
ब्लैक कैट कमांडो रविचंद्रन और फ़ोटोग्राफ़र हरी बाबू जान जा चुकी थी।
भारत के भीतर उसके सीने पर किया गया ये सबसे बड़ा वार था। मानव बम धनु भी मारी गई। पूरे देश में तहलका मच चुका था। 
शुभा और शिवरासन धमाके के बाद वहाँ से निकल गए पुलिस को कुछ पता था। एकदम क्लूलेस। केस कैसे खुला जानते हैं? फ़ोटोग्राफ़र हरीबाबू जाने-अनजाने हमलावर दस्ते का हिस्सा था। शरीर के चीथड़े उड़ गए, मगर कैमरा बच गया। 
रील बची। धमाका भी कैमरे के अपर्चर के ठीक सामने हुआ था। 
LTTE अपने तमाम हमलों की वीडियो और फ़ोटोग्राफ़ी करता था सो कैमरे में कई और फ़ोटो मिल गई। शिवरासन, धनु, शुभा, मुरगन, नलिनी सभी फ़ोटो मिली। वहीं से केस खुला। 
अथिराई उर्फ़ सोनिया को दिल्ली से गिरफ़्तार कर लिया गया। मगर पुलिस जब तक शुभा तक पहुँची, उसने साइनाइट चाट कर जान दे दी। शिवरासन ने खुद को गोली मार ली। नलिनी, मुरगन, पेरारिववन समेत बाक़ी आरोपी पकड़े गए। जो ट्रायल चला वो पन्नों में दर्ज है। 

महाराष्ट्र के रमटेक से हैदराबाद जा रहे बुजुर्ग नेता ने दिल्ली फ़ोन किया…ये क्या हो गया ? 
जवाब मिला…इतिहास ने करवट बदल दी है। 

Source- The Assassination of Rajiv Gandhi, Neena Gopal

नोट:- यह मेरा व्यक्तिगत लेख है मैं किसी भी राजनीति दल का समर्थक नही हूं मैं इस देश का युवा पीढ़ी हूं सच्चाई को लिखना और अपना अनुभव साझा करना मेरा प्रथम कार्य है)
© कुमार विपिन मौर्य
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