अब ज़रूरी नहीं है कि..........

अब जरुरी तो नहीं है की,
हर क़िताब से इश्क की शुकून मिले.....🥰
कुछ किताबे इश्क से ज्यादा शुकून देती है
जैसे शुकून तुम देती हो ज़िंदगी.......😊

नोट:- यह मेरा व्यक्तिगत लेख है मैं किसी भी राजनीति दल का समर्थक नही हूं मैं इस देश का युवा पीढ़ी हूं सच्चाई को लिखना और अपना अनुभव साझा करना मेरा प्रथम कार्य है)
© कुमार विपिन मौर्य

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