बिहार की बदहाल चिकित्सा व्यवस्था, यह बिहार का दुर्भाग्य है
यह बिहार का दुर्भाग्य है जिस बिहार से देश के सबसे ज्यादा प्रतिष्ठित आईएएस पीसीएस निकले एवं विश्व को शांति समृद्धि एवं धर्म का संदेश देने वाले महात्मा बुद्ध ने गया बसाया और जिस धरती से सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य ने संपूर्ण भारत को एक अखंड भारत में तब्दील कर दिया था आज उसी बिहार की शिक्षा व्यवस्था सड़कों पर बैठी हुई है और बिहार की सरकार चुपचाप तमाशा देख रही है जिस बिहार में सबसे ज्यादा जन आंदोलन हुआ आज वही बिहार मेडिकल की छात्राओं के लिए जन आंदोलन करने पर राजी नहीं जब जब बदलाव की आंधी शुरू हुई है बिहार से शुरू हुई है चाहे वह चंपारण हो या जयप्रकाश नारायण का आंदोलन है।
(फोटो:- save the doctor )
बिहार के राजनीति इन्हें मेडिकल कॉलेज के छात्रों पर टिकी हुई है सरकार के पक्ष के लोग जवाब देने से बच रहे हैं और विपक्ष में खड़े लोग राजनीति मुद्दा बनाने पर उतारू हैं कल दफा की प्रेसिडेंट मेडिकल की छात्राओं से मिली थी उनका ट्वीट देखा उससे पहले बिहार विधानसभा के विपक्षी दल के नेता तेजस्वी यादव मेडिकल की छात्राओं से मिलते हैं और सांत्वना देकर निकल जाते हैं कांग्रेस के प्रतिनिधि मेडिकल की छात्राओं से मिलते हैं और सतावना देकर निकल जाते हैं यह नहीं कहा कि आपके अधिकारों को दिलाने के लिए पूरा बिहार आंदोलन करेगा, (फोटो:-बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के दौरान बिहार के डॉक्टरों की यूनिटी दिखाती बिहार की डॉक्टर बिटिया)
कम से कम बिहार के सुशासन बाबू को सोचना चाहिए था यह वही बेटियां है जो बिहार का नाम विश्व स्तर पर रोशन करेंगी बिहार को समृद्धि एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में आगे ले जाएंगे तस्वीरें बहुत सी देखने को मिलती हैं लेकिन कहने से पहले कुछ सोचना पड़ता है (फोटो:-एक समाचार के अनुसर बिहार के मेडिकल कॉलेजों की स्थिति)
आज का युवा का सरकार से सवाल पूछेगा तो देशद्रोह के केस में तिहार या फिर देश के किसी बड़े जेल में रख दिया जाएगा छवि खराब हो जाएगी सरकार से सवाल पूछना और अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतरना इस सरकार को ना गवार लगती है(फोटो:- एनबीटी न्यूज के अनुसार बिहार के किस सरकारी मेडिकल कॉलेज में कितनी सीटें खाली है)
कम से कम बिहार के सुशासन बाबू को सोचना चाहिए था कि बिहार की बेटियां पिछले कई महीनों से अपने अधिकार की लड़ाई लड़ने के लिए सड़कों पर बैठी है।
बेटियों का इस तरह से सड़क पर बैठकर अपने अधिकारों की मांग करना सरकार के विफलताओं का परिणाम बता रहा है।
नोट:- यह मेरा व्यक्तिगत लेख है मैं किसी भी राजनीति दल का समर्थक नही हूं मैं इस देश का युवा पीढ़ी हूं सच्चाई को लिखना और अपना अनुभव साझा करना मेरा प्रथम कार्य है)
© कुमार विपिन मौर्य
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