देश का शिक्षक वर्ग और देश का आधुनिक व्यापारी शिक्षक वर्ग.........
देश का छात्र वर्ग शिक्षकों के नजर में अपनी छवि बनाने के लिए किसी भी व्यक्ति के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से नहीं चूक रहा है यह देश के उज्जवल भविष्य के लिए दुर्भाग्य की बात है जिन्हें छात्रों को कक्षा में बैठकर शिक्षा ग्रहण करने की जरूरत है उन्हें प्रत्येक शिक्षकों को सम्मान देने की जरूरत है उन्हें प्रत्येक शिक्षकों से सीखने की जरूरत है वहीं छात्र आज शिक्षकों के ऊपर व्यक्तिगत रूप से टिप्पणी कर रहे है और वह छात्र शिक्षकों के सामने व्यक्तियों के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से नहीं चूक रहे है शिक्षा व्यवस्था की बागडोर कमजोर करने की एक बडी कड़ी है जिन छात्रों को शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए वहीं छात्र शिक्षकों के ऊपर टिप्पणी करके शिक्षा व्यवस्था का गला घोट रहा है आने वाली पीढ़ियों को जब हम 21वीं सदी का शिक्षा व्यवस्था बताएंगे तभी यह जरूर बताएंगे कि किसी शादी का छात्र शिक्षकों के नजर में अपनी छवि बचाने के लिए दूसरे शिक्षकों के ऊपर या फिर दूसरे व्यक्तियों के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी करने से नहीं चूकता था आने वाली पीढ़ियों को बताया जाएगा किसी शादी का शिक्षा व्यवस्था कैसे खराब हो गया तो बात छात्रों के संस्कारों की जरूर की जाएगी मेरा व्यक्तिगत मानना है कि छात्रों को किसी भी व्यक्ति या फिर किसी भी शिक्षक के ऊपर टिप्पणी करने से पहले खुद की शिक्षा और संस्कार को देख लेना चाहिए क्योंकि प्रत्येक परिवारों में संस्कार बखूबी सिखाया जाता है हिंदुस्तान की परंपरा है संस्कारों को घर-घर और हर व्यक्ति तक पहुंचाना हम अपने परंपरा से भाग नहीं सकते हैं शिक्षा व्यवस्था बदल सकते हैं लेकिन सकते हैं।
नोट:- यह मेरा व्यक्तिगत लेख है मैं किसी भी राजनीति दल का समर्थक नही हूं मैं इस देश का युवा पीढ़ी हूं सच्चाई को लिखना और अपना अनुभव साझा करना मेरा प्रथम कार्य है)
© कुमार विपिन मौर्य
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