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अप्रैल, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

गांव गया था........

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गाँव गया था  गाँव से भागा ।   *पंचायत की चाल देखकर*  **आँगन में दीवाल देखकर*  सिर पर आती डाल देखकर  नदी का पानी लाल देखकर  और आँख में बाल देखकर  गाँव गया था  गाँव से भागा ।  गाँव गया था  गाँव से भागा ।  *सरकारी स्कीम देखकर*  *बालू में से क्रीम देखकर  **देह बनाती टीम देखकर*  हवा में उड़ता भीम देखकर  सौ-सौ नीम हक़ीम देखकर  गिरवी राम-रहीम देखकर  गाँव गया था  गाँव से भागा । जला हुआ खलिहान देखकर गाँव गया था गाँव से भागा । जला हुआ खलिहान देखकर *नेता का दालान देखकर* *मुस्काता शैतान देखकर **घिघियाता इंसान देखकर* *कहीं नहीं ईमान देखकर* *बोझ हुआ मेहमान देखकर *गाँव गया था *गाँव से भागा । गाँव गया था गाँव से भागा । *नए धनी का रंग देखकर* *रंग हुआ बदरंग देखकर **बातचीत का ढंग देखकर* कुएँ-कुएँ में भंग देखकर *झूठी शान उमंग देखकर* **पुलिस चोर के संग देखकर* गाँव गया था गाँव से भागा । गाँव गया था गाँव से भागा । टाट देखकर भात देखकर वही ढाक के पात देखकर पोखर में नवजात देखकर पड़ी पेट पर लात देखकर *मैं अप...

भाई को भाई से लड़ाने का त्योहार आया है हा गांवो में पंचायत चुनाव आया है

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भाई को भाई से लड़ाने का त्योहार आया है  भाई को भाई से लड़ाने का त्योहार आया है  हा गांवो में पंचायत चुनाव आया है अपने रिश्तों को संभाल कर रखना ऐ मेरे दोस्तो  पंचायत का ए त्योहार आया है  रोशन कर जायेगा ए किसी के घर को   पर तुम्हारे आंगन में दिवाल डालकर  अपने रिश्तों को संभाल कर रखना ऐ मेरे दोस्तो  पंचायत का ए त्योहार आया है  वो जाए किसी भी रास्ते तुम उसको समझा लेना गलतियां कर दे कुछ भी उसको गले से लगा लेना  बड़े हो यदि तुम तो उसे डाटकर समझा देना  छोटे हो यदि तुम तो उसे प्यार से समझा देना  अपने रिश्तों को संभाल कर रखना ऐ मेरे दोस्तो  पंचायत का ए त्योहार आया है  भाई को भाई से लड़ाने का त्योहार आया है  हा गांवो में पंचायत चुनाव आया है © कुमार विपिन मौर्य (जन्मभूमी शेरवा को समर्पित)

दुनिया के सामने मजबूत संविधान रखने वाले बाबा साहब की 130 वी जयंती.....

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बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 130 वीं जयंती के अवसर पर नमन करता हूं   जिन्होंने दुनिया के सामने एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र भारत का एक मजबूत और कठोर संविधान दिया, मैं उन्हें नमन करता हूं यह बाबा साहेब का योगदान है कि हर वर्ग का व्यक्ति अपने अधिकारों को लड़ कर छिन सकता है। शायद आप को याद नही लेकिन मैं आप को याद दिला दूं बाबासाहेब अम्बेडकर का असली उपनाम अंबावडेकर था। लेकिन उनके शिक्षक, महादेव अम्बेडकर ने उन्हें स्कूल के रिकॉर्ड में अम्बेडकर उपनाम दिया। और जिस तरह से आप शिक्षा व्यवस्था के बदहाल स्थिति पर मृत्य पड़े रहते है आप के उज्ज्वल भविष्य के लिए बाबा साहब ने us वक्त जब देश में दलितों को पढ़ने का किया अधिकार नही था तब बाबा साहब ने विदेश से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट (पीएचडी) की डिग्री प्राप्त करने वाले पहले भारतीय थे। और २१ वी शताब्दी मे आप प्रतिमा की बात करते है तो आप को बता दू दलित हितैसी अंबेडकर जी एकमात्र भारतीय हैं जिनकी प्रतिमा लंदन संग्रहालय में कार्ल मार्क्स से जुड़ी हुई है और आप राष्ट्र प्रेम की बात करते है झूठा राष्टवाद का दिखावा करते तो सुनिए और पढ़िए भारतीय त...