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फ़रवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

खुबसूरत है उत्तर प्रदेश आइए घुमाते हैं..........

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कविताएं लिखने और पढ़ने का शौकीन तो आज की कविता अपने जन्म भूमि उत्तर प्रदेश पर है भारत के उत्तर में बड़े भूभाग पर है यह प्रदेश विषमताओं से भरे इस प्रदेश के कंठ में विराजते हैं महादेव में मजा कहां जब तक ना हो दही घी और अचार....... राम के आदर्शों का प्रदेश यह आधार है कबीर के दोहों का निकला यहीं से सार है बिना नाम लिए इस प्रदेश का बिकता नहीं कोई अखबार है हां मैं उत्तर प्रदेश से हूं यह मेरा पहला पहला प्यार हैदिल भी हिंदी का यही बसता है यह मेरा पहला प्यार है दिल भी हिंदी का यही बसता है यही से गुजरता राजनीति का हर एक रास्ता है प्रेम की मूरत ताजमहल यही विद्वान है संगम की पवित्र स्थल में होता यह स्नान है....... प्रसिद्ध यही कानपुर के चमड़े का सामान है बनारस के पान जैसा विश्व में भी नहीं कोई दूसरा नाम है हर प्रदेश की धूप यहां बन जाती धाम है हर देश की धूप यही बन जाती धाम है यही के अयोध्या के ही तो श्रीराम हैं यही के अयोध्या के ही तो श्रीराम है..... यहां से विख्यात नहीं कोई घाट और श्मशान हैं श्याम के बांसुरी की धुन आज भी वृंदावन में विराजमान है श्याम के बांसुरी की धुन आज भी वृंदावन में विराजमान है...

तमाशों का क्या है वो हर रोज़ सड़कों पर होता है अमीर की लाठी में हर रोज़ ग़रीब का सर फूटता है ...

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तमाशों का क्या है वो हर रोज़ सड़कों पर होता है  अमीर की लाठी में हर रोज़ ग़रीब का सर फूटता है  वो बन जाते हैं कुत्ता भी किसी का बिना दुम के हिलाते हैं  इन वर्दी वालों की जात ना पूछों इनको हमसे घिन्न आती है  भला ऐसे कहाँ कोई नक्सल बना जाता है  बना कर बेड़ियाँ हाथों में मन से मार दिया जाता है  ये अम्बानी का मॉल नहीं था जो ये चुप रहते  ग़रीबों के पेट पर लात मारने से क्यूँ रुक जाते  कितना कमा लेता ये बिटिया का बाप समझो इनके देश में इनको ही  मिट्टी का दिया भी ना बेचने देंगे  पिताजी इनके देश बेच दें फिर भी लबों से कुछ ना कहेंगे  इनकी छोटी सी ख़ुशियाँ लूट कर ये चैन से सोएँगे  भला ज़ुल्म इतना बड़ा था कैसे इनको छोड़ेंगे  कभी जी कुछ बन पाया मैं  इनको इनकी औक़ात दिखाऊँगा  जनता के नोकर हैं ये इनको सबक सिखाऊँगा  मुझे ना जाने इन लोगों से काहे दिल सुलगता है  पता नहीं क्यूँ मैं इनको देख मेरा ख़ून खोलता है  संभाल कर रखी है दर्द की जमात कबसे  तख़्त पलटने दे साहेब तुझको तेरी औक़ात दिखाएँगे तमाशों का क्या है वो ह...

बात करो रूठे यारो से.............

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बात करें झूठे यारों से सन्नाटे से क्यों डर जाते हो प्यार अकेला ही जाता है दोस्त अकेले मर जाते हैं © कुमार विपिन मौर्य अश्मित को समर्पित जो शादी में मिला था और दिल के सबसे करीब आ गया छुट्टी उसके विचार बहुत अच्छे लगते हैं मुझे नहीं पता कि वह अंदर से कैसा है लेकिन वैसे भी चार लोगों को प्रभावित जरूर करेंगे फ़ोटो:- ashmit

शमा जलती है तो जलने दो.....................

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शमा जलती है तो जलने दो बस हमें इस मतलबी जमाने में चुपचाप रहने दो यदि टूट गई हमारी चुप्पी तो कयामत आ जाएगी छोटी बातों में बहुत कुछ कह देंगे © कुमार विपिन मौर्य

सुना है कामिया निकालना........…..................

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सुना है कमिया निकालना सिख गई हो हमारा  जरा साथ खड़े मिल के पत्थरों को तो देख लेती  भले तुम्हें देख चेहरा पर मुस्कुराहट आती होगी  पर इनका साथ जिन्दगी सवार देती है  ©️ कुमार विपिन मौर्य

तुम रात लिखो हम चांद लिखेंगे................

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तुम रात लिखो हम चाँद लिखेंगे तुम जेल मे डालो हम दीवार फान लिखेगे तुम f.i.r. लिखोगे हम हैं तैयार लिखेंगे तुम हमें क़त्ल कर दो हम बनके भूत लिखेंगे तुम्हारे क़त्ल के सारे सबूत लिखेंगे और तुम अदालतों से बैठकर चुटकुले लिखो हम सड़कों और दीवारों पर इंसाफ लिखेंगे हम सड़कों और दीवारों पर इंसाफ लिखेंगे बहरे भी सुन ले हम इतनी जोर से बोलेंगे अंधे भी पढ़ ले हम इतना साफ लिखेंगे तुम काला कमल लिखो हम लाल गुलाब लिखेंगे तुम जमीन पर जुल्म लिखो हम आसमान पर इंकलाब लिखेंगे हम आएंगे हम आसमान पर इंकलाब लिखेंगे हम आएंगे ©️ कुमार विपिन मौर्य

आप का मुझे देख मुस्कुराना........

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"आप का मुझे देख मुस्कुराना मेरे ऊपर कहर डा रहा था  चोट लगी थी हाथों मे मेरे आप को देख दर्द कम हो रहा था तस्वीरे खिची जा रही थी आप की मेरा दिल धड़क रहा था आप ने टॉफी खिलाई थी मुझे अपने हाथों से महल मेरे दोस्तो का बन रहा था"

महिला और आटो वाला (एक आटोवाले की जबानी उसके सवारी की कहानी)

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हेलो दोस्तो आज की कहानी ऐसी है जो हम सभी लोगो के साथ होता है तो कहानी की शीर्षक है "महिला और आटो वाला" तो बिना देर किए हुए पूरी कहानी पढ़िए और अपने विचारो को ब्यक्त करिए  कहानी बहुत ही रोचक है जो हर आटो वाले के साथ होता है...................................................... एक महिला को #सब्जीमंडी जाना था…उसने जूट का बैग लिया और सड़क के किनारे सब्जी मंडी की और चल पड़ी। तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने #आवाज़ दी : ‘कहाँ जायेंगी माता जी…?” #महिला ने ”नहीं भैय्या” कहा तो ऑटो वाला आगे निकल गया। अगले दिन महिला अपनी #बिटिया मानवी को स्कूल बस में बैठाकर घर लौट रही थी…तभी पीछे से एक ऑटो वाले ने आवाज़ दी :— #बहन_जी चन्द्रनगर जाना है क्या…? महिला ने मना कर दिया। पास से गुजरते उस ऑटोवाले को देखकर महिला पहचान गई कि ये कल वाला ही ऑटो वाला था। आज महिला को अपनी सहेली के घर जाना था। वह सड़क किनारे खड़ी होकर ऑटो की प्रतीक्षा करने लगी। तभी एक ऑटो आकर रुका :— ”कहाँ जाएंगी मैडम…?” महिला ने देखा ये वो ही ऑटोवाला है जो कई बार इधर से गुज़रते हुए उससे पूंछता रहता है चलने के लिए…महिल...